कानपुर में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए प्रखर जी महाराज के निदेशन में एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है . स्वामीजी के भक्तो का मानना है कि इससे भ्रष्ट लोगो को सदबुधी आयेगी और समाज भ्रष्टता से मुक्त हो जाएगा . स्वामी जी का मानना है कि विश्व दैवी शक्तियों से संचालित है और दैवी शक्तिया यज्ञ से प्रभावित होती है इसलिए यज्ञ के माध्यम से दैवी शक्तिया भ्रष्टाचार को नियंत्रित करेगे.
इस यज्ञ में अनुमानतः १०००००० भक्तजन भाग ले रहे है जिनमे बड़े बड़े उद्योपति नौकरशाह नेता अभिनेता एंड कंपनी शामिल है
पाठक गण जरा विचार करे
दैवी शक्तिया और भ्रष्टाचार में क्या सम्बन्ध है
ये पोंगा पंडित १०००००० लोगो को गंगा के किनारे इकठ्ठा करके वह और भी प्रदूषण फैलाने का काम नहीं कर रहे है क्या ?
यज्ञ से अगर भ्रष्टाचार रुकता तो सी. बी. आई. जैसी संस्थाओं को ख़तम कर देना चाहिए
इस यज्ञ के आयोजन में जितना खर्च आएगा उतने पैसे अगर पेड़ लगाने और उनके संरक्षण में लगाया जय तो भ्रष्टाचार तो नहीं प्रदूषण रुक सकता है
ये नेता अभिनेता उद्योगपति नौकरशाह भ्रष्टाचार के सबसे बड़े स्रोत है आम जनता नहीं इन्ही के पैसो से यह यज्ञ होता हो
सरल शब्दों में काले धन को सफ़ेद बनाने का तरीका है किसी पोंगा पंडित को दान करना और (एक रूपया दान करो सौ रूपये की रसीद लो ) यज्ञ करवाओ.
अब जरा आप ही बताये ऐसे कार्यक्रम कितने सार्थक है
एक बात मै स्पष्ट करदू कि मै यज्ञ विरोधी नही बल्कि नीयत साफ़ रखने का हिमायती हूँ .
भ्रष्टाचार रोकने हेतु यज्ञ की नहीं वरन कुरीतियों, दिखावा, शोषण, असमान वितरण को रोकना होगा .
क्या ख़याल है?
जब पढ़े लिखे लोग पोंगा पंडितो को मायाजाल में खुद फसना चाहे तो राम ही राखे . मन चंगा तो कठौती में गंगा .
जवाब देंहटाएंwell said ashish
जवाब देंहटाएंmere khyal se in yagyon se kisi ke paap dhulte ho ya nahi lekin aam jan jivan jarur ast vyast ho jata hai
जवाब देंहटाएंबाबाओं के यग्य से अगर भ्रष्टाचार ख़तम होने वाला होता तो बात ही कुछ और होती?
जवाब देंहटाएंअगर धार्मिक कर्मकाण्डों से सब कुछ सही हो जाता, तो अपने देश में हमेशा रामराज्य रहता।
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पति को वश में करने का उपाय।