गंगा को प्रदूषण और बान्धो की विभीषिका से बचाने के लिये फिर से आमरण अनशन पर बैठे डॉ. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की हालत नाजुक बनी
हुई है। वह दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं।डा अग्रवाल ने पानी तक त्याग दिया
है। यदि गंगा बचाने की इस मुहिम में डा अग्रवाल ने अपने प्राण त्याग दिए तो यह
आंदोलन और बढ़ जाएगा।
डा अग्रवाल के साथी व हाल ही में नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी से इस्तीफा देने वाले मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता राजेंद्र सिंह के मुताबिक, जिस दिन अग्रवाल प्राण त्यागेंगे उसी दिन गंगा प्रिय भिक्षु जी की मुहिम शुरू हो जाएगी। सिंह ने कहा कि गंगा मुक्ति के इस अभियान में पांच लोग अपने प्राणों की आहुति देने के तैयार हैं।
ये है जत्था
इस जत्थे में गंगा प्रिय भिक्षु जी और राजेंद्र सिंह के अलावा स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद व कृष्ण प्रियनंद ब्रrाचारी भी अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार हैं। पहले अन्न त्याग, फिर फल और अंत में जल त्याग। सिंह ने बताया कि हम पांच लोगों ने 24 जनवरी को गंगासागर में गंगा की रक्षा के लिए यह संकल्प लिया था।
ये हैं तीन मांगें
1. गंगा पर बन रही जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगे।
2. गंगा में गिरने वाले गंदा पानी रोकने के लिए मैनेजमेंट प्लान 2020 की घोषणा हो
3. गंगा नीति बनाई जाए।
डा अग्रवाल के साथी व हाल ही में नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी से इस्तीफा देने वाले मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता राजेंद्र सिंह के मुताबिक, जिस दिन अग्रवाल प्राण त्यागेंगे उसी दिन गंगा प्रिय भिक्षु जी की मुहिम शुरू हो जाएगी। सिंह ने कहा कि गंगा मुक्ति के इस अभियान में पांच लोग अपने प्राणों की आहुति देने के तैयार हैं।
ये है जत्था
इस जत्थे में गंगा प्रिय भिक्षु जी और राजेंद्र सिंह के अलावा स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद व कृष्ण प्रियनंद ब्रrाचारी भी अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार हैं। पहले अन्न त्याग, फिर फल और अंत में जल त्याग। सिंह ने बताया कि हम पांच लोगों ने 24 जनवरी को गंगासागर में गंगा की रक्षा के लिए यह संकल्प लिया था।
ये हैं तीन मांगें
1. गंगा पर बन रही जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगे।
2. गंगा में गिरने वाले गंदा पानी रोकने के लिए मैनेजमेंट प्लान 2020 की घोषणा हो
3. गंगा नीति बनाई जाए।