क्या आप प्रकृति से जरा भी प्यार करते है? यदि न तो यह पोस्ट आपके लिए नही यदि हां तो एक काम कीजिये काम अत्यंत सहज और सरल है. अपने जीवनकाल में कम से कम चार छायादार वृक्ष लगाएं. इस बार बारिश यूं ही न जाने दीजिये अपने आस पास पेड़ लगाना शुरू कीजिये लोगो को प्रोत्साहित कीजिये. आप पर धरती का क़र्ज़ है इस क़र्ज़ को समझने का प्रयास कीजिये.
प्रकृति को सुधारने की आवश्यकता नही बल्कि खुद को है हम प्रकृति से जीवन प्राप्त करते है यह इंसान का दायित्व है कि वह पेड़ लगा कर जीवन को और समृद्ध बनाये.
बड़े बड़े कारखाने
जिसमे से निकलता है
जहरीला धुँआ
और फ़ैल जाता है
हवाओं में फिर दिल में
झौंस देता है
कोमल कोंपलों को
हमें नही चाहिए
चाँद की जमीन और पानी
धरती पर मीठे झरनों को
मुक्त कर दो
कोई भी तकनीक जिससे
मानवता का दलन
और प्रकृति का गलन
होता है तज दो
बिना किसी भाव के
बिना किसी लालच के
आने वाली पीढ़ियों की खातिर
सार्थक एवं सरल बात कही आपने
जवाब देंहटाएंलोगों को समझ में आये तो बात बने वैसे इस बारिश में ही मै चार पेड़ लगाऊंगा
Sundar Prayas
जवाब देंहटाएंअनुकरणीय एवं सराहनीय विचारों का पालन सभी को करना ही चाहिए.
जवाब देंहटाएंashish rai to me
जवाब देंहटाएंshow details 2:42 AM (16 minutes ago)
धरती अगर बचानी है तो वृक्ष नए लगाने है . सुँदर प्रयास .
Reply Forward
पवन भाई, सुंदर विचार। इसके लिए हमें ही आगे आना होगा।
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देखिए ब्लॉग समीक्षा की बारहवीं कड़ी।
अंधविश्वासी आज भी रत्नों की अंगूठी पहनते हैं।
यदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करने वाले हिन्दू हैं तो
जवाब देंहटाएंआईये " हल्ला बोल" के समर्थक बनकर धर्म और देश की आवाज़ बुलंद कीजिये... ध्यान रखें धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कायरता दिखाने वाले दूर ही रहे,
अपने लेख को हिन्दुओ की आवाज़ बनायें.
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हमारा पता है.... hindukiawaz@gmail.com
समय मिले तो इस पोस्ट को देखकर अपने विचार अवश्य दे
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हल्ला बोल
लगाने की जगह होगी तब लगायेंगे
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बात कही आपने जब सब समझ जाये तब मनो
आपसे सहमत, 60 से अधिक बड़े वृक्ष लगा चुका हूँ।
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