गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

प्लास्टिक की 'निपटान' एक मिथक है

जब आप शापिंग  करके घर आते हो तो आपके साथ प्लास्टिक की थैलियो में ढेर सारा सामान होता है . तकरीबन हर सामान के लिए प्लास्टिक की थैली होती है आपके पास. आप को पालीथीन काफी सुविधाजनक लगती है. किन्तु आप बहुत बड़ी भूल कर रहे है. आप आने वाली पीढियों के लिए घातक योगदान कर रहे है.वह  योगदान है, प्लास्टिक  प्रदूषण जिसके प्रभाव  की आप कल्पना नहीं करते.
 प्लास्टिक आज के समय का सबसे जहरीला प्रदूषक है. एक गैर सड़नशील जहरीले रसायन युक्त   पदार्थ से निर्मित होने के कारण प्लास्टिक, पृथ्वी, हवा और पानी  हर जगह व्याप्त है. किसी भी तरीके से इसका सुरक्षित निपटान संभव नही है.
प्लास्टिक के  उत्पादन और निपटान के दौरान पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुचाता है प्लास्टिक अपने  उत्पादन के चरण से ही प्रदूषण फैलाता  है.  बेंजीन और विनाइल  क्लोराइड के रूप में प्लास्टिक में मिले होते है जिन्हें  कैंसर का कारण जाना जाता है, जबकि कई अन्य गैसों और तरल हाइड्रोकार्बन कि पृथ्वी और हवा को दूषित करती  है. . हानिकारक प्लास्टिक के उत्पादन के दौरान उत्सर्जित पदार्थों इथाइल  ऑक्साइड बेंजीन, और जैलीन वे प्रमुख रसायन जो वातावरण को  बेहद जहरीला कर रहे हैं और पृथ्वी पर सभी प्रजातियों के लिए  प्राणियों गंभीर खतरा बनते जा रहे  है.  साथ ही साथ इन रसायनों से जन्म दोष, कैंसर,  तंत्रिका तंत्र का क्षरण  और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, रक्त और गुर्दे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. हैं. प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग के दौरान भी यही रसायन दुगुनी मात्र में उत्सर्जित होते है. 
रासायनिक पदार्थों के मामले में  प्लास्टिक की 'निपटान' एक मिथक है. एक बार प्लास्टिक निर्मित होता है तो वह सदा के लिए बना रहता है. प्लास्टिक निपटान करने की  किसी भी तरह  की कोशिश प्रदूषण को और बढ़ाना है.  एक जहरीले कचरे का पुनर्चक्रण केवल खतरनाक सामग्री वापस बाजार में डालना  है जो  अंततः, वातावरण में आकर मिलता है.  - इस प्रकार विषाक्त उपयोग में कोई कमी नहीं आती. प्लास्टिक का जलाना जल में मिलाना जमीन में गाड़ना  इत्यादि से इससे छुटकारा नही पाया जा सकता. इससे यह और प्रदूशाक्कारी के रूप में सामने आता है.
दैनिक जीवन में प्लास्टिक का प्रयोग बिलकुल बंद करना होगा .इसके लिए सरकार और सबसे बड़ी बात जनता को सामने आना होगा अगर  सख्ती के साथ इस समस्या का समाधान करना होगा नहीं तो शायद मानवजाति  का अंत निकट होगा. 

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