tag:blogger.com,1999:blog-5850822180647447456.post7500551520300325322..comments2023-09-08T02:32:34.563-07:00Comments on हरी धरती Hari Dharti: आम आदमी(Common Man/Mango Man/ Aam Admi) : एक समाजशास्त्रीय विश्लेषण Dr. Pawan Vijayhttp://www.blogger.com/profile/14025429234542608035noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5850822180647447456.post-26742303410396912732013-12-28T02:42:08.427-08:002013-12-28T02:42:08.427-08:00"ये वर्ग और इनके सदस्य स्थान समय और परिस्थिति..."ये वर्ग और इनके सदस्य स्थान समय और परिस्थिति के अनुसार आम और ख़ास में बदलते रहते है|" सीधी और सरल बात | यथाशब्द समझ में आई | आम और ख़ास में अंतर इतनी आसानी से समझा देने के लिए बहुत धन्यवाद |कनुप्रियाhttps://www.blogger.com/profile/00304464730227658509noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5850822180647447456.post-20406804105644899062013-12-27T02:06:33.860-08:002013-12-27T02:06:33.860-08:00हर आम आदमी में ख़ास आदमी निहित है और हर ख़ास में आम।...हर आम आदमी में ख़ास आदमी निहित है और हर ख़ास में आम। PAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5850822180647447456.post-61349331563201078142013-12-27T01:35:04.272-08:002013-12-27T01:35:04.272-08:00पवन जी अच्छा विवेचन है पर कुछ ज्यादा ही तकनीकी हो ...पवन जी अच्छा विवेचन है पर कुछ ज्यादा ही तकनीकी हो गया है | बुद्धिजीवियों को तो समझ में आ जायेगा पर मेरा मानना है कि इस विवेचना को समझने की आवयश्कता उस वर्ग को अधिक है जो आम को ख़ास बना देती है | क्या ही अच्छा होता कि यदि आप इस विवेचना को कुछ समसामयिक द्रष्टांतों और उदाहरणों से सरल बना देते जिससे यह सबकी समझ में आ जाती | मेरी टिपण्णी यदि अनुचित लगे तो क्षमा चाहूँगा |AMBESH TIWARI BLOGhttps://www.blogger.com/profile/11358012435065408627noreply@blogger.com