रविवार, 11 नवंबर 2012

प्रतीको को इतना महत्व ना दे कि किरदार ही बौना हो जाय.(दीपावली पर विशेष)

 धनतेरस को धन से जोडकर देखने की अफवाह किसी पूंजीपति द्वारा फैलायी गयी होगी जिसने धर्म और नीति के क्षेत्र मे बिकने वाले पोंगा पण्डितो को खरीद कर इस किसम की बाते फैलवाई होंगी. सच तो यह है कि दीवाली धन से ज्यादा स्वास्थ्य और पर्यावरण पर आधारित त्योहार है. आज के दिन आयुर्वेद मनीषी धनवन्तरी का जन्मदिन है. उन्ही के नाम से आज धनवंतरी तेरस है जिसे बनियो और मठाधीष जोतिषियो ने धन तेरस कहना शुरु किया. दीपावली एक ऐसा त्योहार है जिसके अपने पर्यावरणीय निहितार्थ है. मौसम मे बदलाव और दीप पर्व मे घनिष्ठ सम्बन्ध है. इसे समझते हुए कृपया पर्यावरण को नुकसान पहुचाने वाली गतिविधिया ना करे. पटाखो का प्रयोग न्यूनतम करे, चाईनीज झालरो की जगह सरसो के दिये जलाये. सरसो के दिये से एडीज मच्छर(डेंगू वाले) भागते है. गांव मे लोग मच्छरो से बचने के लिये ओडोमास की जगह सरसो का तेल लगाते है. गोवर्धन पूजा गोरू बछेरू के पालन पोषण और  पर्वतो  के संरक्षण से सम्बन्धित है. दीपोत्सव के धार्मिक निहितार्थ सामाजिक व्यवस्था और अध्यात्मिक उन्नति मे अत्यंत सहायक है. सभी मित्रो से करबद्ध निवेदन है कि प्रतीको को इतना महत्व ना दे कि किरदार ही बौना हो जाय. 

                                                                            दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये


7 टिप्‍पणियां:

  1. सही कह रहे है आप! जरुर ये कृत्य व्यापारियों व पंडावादियों ने मिलकर शुरू किया है|

    दीपोत्सव पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ

    Gyan Darpan

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  2. बहुत बढिया । आपको दीपावली की शुभकामनायें

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  3. 'पवन' चले जब बाग(ब्लॉग) में,अरुण सुमन(सु-मन) मुस्काय
    पर्ण पर्ण "दीपावली शुभ हो" कहता जाय ||
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    चाक चढ़ा तप कर बना, माटी का यह दीप
    फिर बाती के संग जल , आया हृदय समीप
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    सहपाठी यह भी हुआ, जागा मेरे संग
    बाल भारती में भरे , इस दीये ने रंग ||
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    माटी जब तक नम रहे,सब समझें कमजोर
    भट्टी में जल जाय फिर , होती बहुत कठोर ||
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    ना बाती के दिन बचे,ना बाँटी का खेल
    बिजली की झालर जली,महंगा तिल्ली तेल ||
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    रोज दिवाली शहर में , जगमग है बाजार
    भौतिक सुख सारे मिले,मिला न केवल प्यार ||

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  4. ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
    ♥~*~दीपावली की मंगलकामनाएं !~*~♥
    ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
    सरस्वती आशीष दें , गणपति दें वरदान
    लक्ष्मी बरसाएं कृपा, मिले स्नेह सम्मान

    **♥**♥**♥**● राजेन्द्र स्वर्णकार● **♥**♥**♥**
    ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ

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  5. परम्पराओं के पीछे सदा ही वैज्ञानिक सोच की झलक मिलती है।

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  6. ***********************************************
    धन वैभव दें लक्ष्मी , सरस्वती दें ज्ञान ।
    गणपति जी संकट हरें,मिले नेह सम्मान ।।
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    दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
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    अरुण कुमार निगम एवं निगम परिवार
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  7. मैंने हरी धरती के सबी ब्लॉग पढ़े है.
    सबी बहुत ही सूचनाप्रद है. मेरी कोशिस भी धरती को पेड़ लगा कर व् नुनतम वेस्ट पैदा करना है. में लगता इस मुहीम में कम कर रहा हूँ. आप के लेख से प्रेरणा मिली.

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